कुछ बातें अनकहीं सी
कुछ तो है इस दिल में जो मैंने काहा नहीं , वो जो उसने सुना नहीं !
कुछ बातें ना समझी हुई , वो जो उसने समझी नहीं !
कुछ बातें उलझी हुई , वो जो उसने सुल्जाही नहीं !
बात है कि कोई खलिश या फिर कोई अफसाना , जिसका कोई मुकाम नहीं !
- जया